डॉ. अच्युत सामंत को उत्कल विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से किया गया सम्मानित

भुवनेश्वर, दिसंबर 23: शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता, कीट-कीस के संस्थापक और कंधमाल से लोकसभा सांसद डॉ. अच्युत सामंत को शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके अपार योगदान के लिए उत्कल विश्वविद्यालय द्वारा मानद डी. लिट् डिग्री से सम्मानित किया गया है। यह डॉ सामंत का 50वीं सम्मानसूचक उपाधि है।

उत्कल विश्वविद्यालय जहाँ से डॉ सामंत ने 1987 में रसायन विज्ञान में एम एससी किये हैं ,23 दिसंबर 2022 को अपने 52वें दीक्षांत समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सबिता आचार्य और ओडिशा सरकार के उच्च शिक्षा प्रधान सचिव बिष्णुपद सेठी की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल से डिग्री प्राप्त की।

इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने संबोधन मैं डॉ. सामंत का विशेष उल्लेख करते हुए उन्हें “दीक्षांत समारोह के अग्रणी किंवदंती” के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि डॉ सामंत सादगी, विनम्रता, कृतज्ञता, साहस, दृढ़ता, उदारता, समभाव, शांति और अच्छाई जैसे प्रमुख मानवीय गुणों का प्रतीक हैं।

डॉ. सामंत ने सम्मान के लिए कुलाधिपति के अलावा कुलपति और विश्वविद्यालय सिंडिकेट के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सामंत ने कहा कि, “दूसरों की सेवा के लिए समर्पित मेरे जीवन के बारे में सभी जानते हैं। मेरे जीवन, कार्य और उपलब्धियों की मान्यता के रूप में, मुझे कई प्रशंसाओं और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। हालाँकि, कुछ पुरस्कार विशेष होते हैं, जैसे यह एक है । मुझे खुशी है कि मेरी मातृ संस्था उत्कल विश्वविद्यालय मानद डी. लिट. प्रदान कर रहा है। यह मेरा 50 वां मानद डॉक्टरेट है, जो किसी भी भारतीय के लिए सर्वोच्च है। मैं यह पुरस्कार अपने नायक जैसी मेरी मां और उनके सभी संघर्षों और बलिदानों को समर्पित करता हूं। ईश्वर के आशीर्वाद और लोगों की शुभकामनाओं ने मुझे यहां तक पहुंचने में मदद की है। उनकी इच्छाएँ मुझे समाज की भलाई के लिए और अधिक सपने देखने की शक्ति देती हैं।

ज्ञात हो कि डॉ. सामंत को हाल ही में बिरला ग्लोबल यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि और ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय से मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।